आप को ऐसे न खोना था हमें
By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
आप को ऐसे न खोना था हमें
थोड़ा दुनिया-दार होना था हमें
हाल पर हँसते थे जिन के आज तक
अब उन्हीं के साथ रोना था हमें
क़ब्र भी उस की कहीं बाक़ी न थी
जिस की बीमारी को ढोना था हमें
ख़ुदकुशी करने तो हम आए न थे
फिर यहाँ किस को डुबोना था हमें
ये कोई इतनी बड़ी ख़्वाहिश न थी
देर तक इक रोज़ सोना था हमें
बे-सबब उस को बहाना दे दिया
वक़्त से तैयार होना था हमें
आप के नख़रों को भी देना था वक़्त
और ज़माने का भी होना था हमें
तू गया तो रह गया वो दाग़ भी
वो जिसे मिल-जुल के धोना था हमें
थोड़ा दुनिया-दार होना था हमें
हाल पर हँसते थे जिन के आज तक
अब उन्हीं के साथ रोना था हमें
क़ब्र भी उस की कहीं बाक़ी न थी
जिस की बीमारी को ढोना था हमें
ख़ुदकुशी करने तो हम आए न थे
फिर यहाँ किस को डुबोना था हमें
ये कोई इतनी बड़ी ख़्वाहिश न थी
देर तक इक रोज़ सोना था हमें
बे-सबब उस को बहाना दे दिया
वक़्त से तैयार होना था हमें
आप के नख़रों को भी देना था वक़्त
और ज़माने का भी होना था हमें
तू गया तो रह गया वो दाग़ भी
वो जिसे मिल-जुल के धोना था हमें
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