अब तो वो माइल-ए-जफ़ा भी नहीं

By nashad-kanpuriJune 17, 2022
अब तो वो माइल-ए-जफ़ा भी नहीं
दिल मिरा उन को भूलता भी नहीं
निगह-ए-नाज़ कह गई सब कुछ
और कहने को कुछ कहा भी नहीं


कौन लाएगा ताब-ए-लुत्फ़-ओ-करम
दिल तो शाइस्ता-ए-जफ़ा भी नहीं
याद तो तेरी ख़ैर क्या करते
भूल ही जाते ये हुआ भी नहीं


जाने क्यों जी रहे हैं अहल-ए-वफ़ा
आसरा सा कुछ आसरा भी नहीं
यूँ तो पीता नहीं कभी 'नाशाद'
तुम पिलाओ तो पारसा भी नहीं


25255 viewsghazalHindi