अभी वो राब्ता टूटा नहीं है

By anjali-singhMarch 20, 2021
अभी वो राब्ता टूटा नहीं है
मुसलसल हाल जो पूछा नहीं है
बता दूँ ज़ीस्त उस की फ़िक्र में ही
मगर अफ़्सोस वो रिश्ता नहीं है


किसी सहरा में डूबी हूँ कहीं मैं
किसी से अब मुझे ख़तरा नहीं है
दिए दुनिया ने कितने ज़ख़्म मुझ को
मगर आँखों में इक क़तरा नहीं है


हमारे पास बस तुम ही नहीं हो
वगर्ना पास जानाँ क्या नहीं है
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