'अदू दामन पसारे मिल रहे हैं
By aarif-nazeerJuly 12, 2024
'अदू दामन पसारे मिल रहे हैं
तो क्या अब दो सितारे मिल रहे हैं
भँवर की जुस्तुजू थी और हम को
किनारे ही किनारे मिल रहे हैं
तो फिर हम क्यों नहीं मिल पा रहे दोस्त
सितारे तो हमारे मिल रहे हैं
यहीं से आग के शो'ले उठेंगे
जहाँ पर दो शरारे मिल रहे हैं
समुंदर-बुर्द हो जाएगा सब कुछ
किनारे से किनारे मिल रहे हैं
मिलन की आस में बैठे थे 'आरिफ़'
जुदाई के इशारे मिल रहे हैं
तो क्या अब दो सितारे मिल रहे हैं
भँवर की जुस्तुजू थी और हम को
किनारे ही किनारे मिल रहे हैं
तो फिर हम क्यों नहीं मिल पा रहे दोस्त
सितारे तो हमारे मिल रहे हैं
यहीं से आग के शो'ले उठेंगे
जहाँ पर दो शरारे मिल रहे हैं
समुंदर-बुर्द हो जाएगा सब कुछ
किनारे से किनारे मिल रहे हैं
मिलन की आस में बैठे थे 'आरिफ़'
जुदाई के इशारे मिल रहे हैं
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