अगरचे सख़्त सफ़र है धुआँ घना होगा
By dhruv-guptOctober 29, 2020
अगरचे सख़्त सफ़र है धुआँ घना होगा
कहीं कोई तो मिरी राह देखता होगा
तमाम होता कहाँ है कभी नदी का सफ़र
वो जा मिले तो समुंदर भी रास्ता होगा
अज़ाब आए सितम आए सानेहा आए
मैं मुंतज़िर हूँ कि कुछ ज़ीस्त में नया होगा
मैं मर गया तो मिरी बुज़दिली ख़बर होगी
मैं जी गया तो तिरा शुक्रिया अदा होगा
सितारे टाँक रहा है जो ख़्वाब में सब के
वो सुर्ख़ियों से ख़बर की ही लापता होगा
वो जिस ने हम को भुलावे सी ज़िंदगी दी है
ज़रूर उस ने कोई रास्ता दिया होगा
कहीं कोई तो मिरी राह देखता होगा
तमाम होता कहाँ है कभी नदी का सफ़र
वो जा मिले तो समुंदर भी रास्ता होगा
अज़ाब आए सितम आए सानेहा आए
मैं मुंतज़िर हूँ कि कुछ ज़ीस्त में नया होगा
मैं मर गया तो मिरी बुज़दिली ख़बर होगी
मैं जी गया तो तिरा शुक्रिया अदा होगा
सितारे टाँक रहा है जो ख़्वाब में सब के
वो सुर्ख़ियों से ख़बर की ही लापता होगा
वो जिस ने हम को भुलावे सी ज़िंदगी दी है
ज़रूर उस ने कोई रास्ता दिया होगा
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