अकेला छोड़ गया मुझ को क़ाफ़िला मेरा

By mast-hafiz-rahmaniFebruary 27, 2024
अकेला छोड़ गया मुझ को क़ाफ़िला मेरा
सफ़र में साथ रहा सिर्फ़ हौसला मेरा
न जाने कितने मसाइल ने उस को घेर लिया
वो जिस के सामने पहुँचा है मसअला मेरा


वो रू-ब-रू भी रहा महव-ए-गुफ़्तुगू भी रहा
ज़रा भी कम न हुआ उस से फ़ासला मेरा
मैं कोई सुब्ह का अख़बार तो नहीं यारो
यहीं तो ख़त्म न होगा मु'आमला मेरा


86432 viewsghazalHindi