अपने नाख़ुन अपने चेहरे पर ख़राशें दे गए

By ali-akbar-abbasJune 2, 2024
अपने नाख़ुन अपने चेहरे पर ख़राशें दे गए
घर के दरवाज़े पे कुछ भूके सदाएँ दे गए
जागते लोगों ने शब-मारों की जब चलने न दी
दिन चढ़े वो रौशनी को बद-दु'आएँ दे गए


ख़ुद ही अपने हाथ काटे और आँखें फोड़ लीं
देवताओं को पुजारी क्या सज़ाएँ दे गए
एक अपनी ज़ात के नुक़्ते को मरकज़ मान कर
हौसलों के ज़ाविए बेहद ख़लाएँ दे गए


तेज़ तूफ़ानों ने साहिल रौंद डाले थे मगर
जब वो टकराए पहाड़ों से घटाएँ दे गए
86071 viewsghazalHindi