अपनी बस्ती छोड़ कर परदेस में जाएँगे क्या

By khalilur-rahman-azmiFebruary 27, 2024
अपनी बस्ती छोड़ कर परदेस में जाएँगे क्या
याँ तो है नान-ए-जवीं भी वाँ मगर खाएँगे क्या
हर तरफ़ इक संग-बारी घर से निकलें किस तरह
सर सलामत ही न हो तो सर को सहलाएँगे क्या


अपनी अपनी फ़िक्र सब को अपने अपने सब को ग़म
कोई मिल जाए भी तो अब दिल को बहलाएँगे क्या
कैसे पिछली रात गुज़री कैसे नींद आई तुम्हें
सुब्ह का सूरज जो पूछेगा तो बतलाएँगे क्या


हम भी थे ‘आली-दिमाग़ और हम भी थे ‘आली-नसब
गर कहें अपनी ज़बाँ से लोग फ़रमाएँगे क्या
49478 viewsghazalHindi