अश्क आँखों में क्यों बे-कराँ आ गए

By betab-amrohviFebruary 26, 2024
अश्क आँखों में क्यों बे-कराँ आ गए
क्या तुम्हें याद हम जान-ए-जाँ आ गए
ये क़फ़स है हमारा नशेमन नहीं
हम चमन से निकल कर कहाँ आ गए


दोस्तों की तमन्ना में निकले थे हम
दुश्मनों के मगर दरमियाँ आ गए
हम को पीने पिलाने की 'आदत नहीं
हम तो बस यूँही पीर-ए-मुग़ाँ आ गए


हम को दुनिया की ख़्वाहिश नहीं थी मगर
तेरी बातों में हम आसमाँ आ गए
73584 viewsghazalHindi