और सब कुछ बहाल रक्खा है

By vineet-aashnaNovember 24, 2020
और सब कुछ बहाल रक्खा है
एक बस इश्क़ टाल रक्खा है
बस तिरा हूँ ये सोच कर बरसों
मैं ने अपना ख़याल रक्खा है


वो बदन जादुई पिटारी है
हर कहीं इक कमाल रक्खा है
ज़िंदगी मौत तय मिरी होगी
उस ने सिक्का उछाल रक्खा है


हाल-ए-दिल क्या उसे बताऊँ मैं
उस ने सब देख-भाल रक्खा है
हिज्र फैला है पूरे कमरे में
पर्स में पर विसाल रक्खा है


इस सलीक़े से 'आशना' टूटो
जैसे ख़ुद को सँभाल रक्खा है
17078 viewsghazalHindi