बात भी उन से कर नहीं आती

By rahbar-jadeedJuly 7, 2021
बात भी उन से कर नहीं आती
आँख भी अपनी भर नहीं आती
मौत आती है दहर में सब को
आशिक़ों को मगर नहीं आती


जान तो अपनी आ गई लब पर
कोई उन की ख़बर नहीं आती
मय से भी ग़म ग़लत नहीं होता
तब्अ' अब मौज पर नहीं आती


ना-उमीदी की अब ये सूरत है
कोई उम्मीद बर नहीं आती
नामा-बर की भी हो ख़बर या-रब
कोई उस की ख़बर नहीं आती


जो दुआ सू-ए-अर्श जाती है
हो के फिर बा-असर नहीं आती
किस तवक़्क़ो पे हम जिएँ 'रहबर'
इक तमन्ना भी बर नहीं आती


44385 viewsghazalHindi