बड़ा बे-दर्द होता जा रहा है

By sumaira-khalidFebruary 29, 2024
बड़ा बे-दर्द होता जा रहा है
मिरा दिल सर्द होता जा रहा है
अंधेरे ने कही क्या बात ऐसी
सवेरा ज़र्द होता जा रहा है


कोई मंज़िल भी है इस राह में क्या
मुसाफ़िर गर्द होता जा रहा है
बढ़े हैं जब से आलात-ए-पयामी
अकेला फ़र्द होता जा रहा है


खपाया ज़न को फ़िक्र-ए-दो-जिहत में
सियाना मर्द होता जा रहा है
सिमट आई है मुट्ठी में ख़ुदाई
पयम्बर फ़र्द होता जा रहा है


10674 viewsghazalHindi