भरा हुआ हूँ मैं पूरे वुजूद से अपने
By salim-saleemFebruary 28, 2024
भरा हुआ हूँ मैं पूरे वुजूद से अपने
इसी लिए तो ख़लाओं में झाँकता हूँ मैं
ये ज़िंदगी मिरी चारागरी में है मसरूफ़
और उस के चेहरे पे इक ज़ख़्म सा खुला हूँ मैं
ये किस की आग मिरे तन-बदन में रक़्साँ है
ये किस चराग़ की लौ से बँधा हुआ हूँ मैं
इसी लिए तो ख़लाओं में झाँकता हूँ मैं
ये ज़िंदगी मिरी चारागरी में है मसरूफ़
और उस के चेहरे पे इक ज़ख़्म सा खुला हूँ मैं
ये किस की आग मिरे तन-बदन में रक़्साँ है
ये किस चराग़ की लौ से बँधा हुआ हूँ मैं
95197 viewsghazal • Hindi