बिछड़ कर दूर जाना पड़ गया नाँ
By tajwer-shakeelMarch 1, 2024
बिछड़ कर दूर जाना पड़ गया नाँ
तुम्हें मुझ को भुलाना पड़ गया नाँ
मुझी से तुम छुपाते थे सभी कुछ
मुझी को ग़म सुनाना पड़ गया नाँ
मुझे इस्मॉग अच्छा लग रहा है
कि उस को पास आना पड़ गया नाँ
कहानी में परी मरने लगी है
नया किरदार लाना पड़ गया नाँ
सँवर के क्या करूँ मैं जब किसी को
मिरे ख़्वाबों में आना पड़ गया नाँ
बचाया था मगर आख़िर कहाँ तक
मुझे ये दिल लगाना पड़ गया नाँ
मैं कितनी थी अकेली छोड़ दो जब
मुझे ख़ुद से बताना पड़ गया नाँ
कहा भी था बिछड़ जाना ख़ुशी से
नया इक शाख़साना पड़ गया नाँ
सुख़न पर 'ताजवर' जो नुक्ता-चीं थे
उन्हें भी मुस्कुराना पड़ गया नाँ
तुम्हें मुझ को भुलाना पड़ गया नाँ
मुझी से तुम छुपाते थे सभी कुछ
मुझी को ग़म सुनाना पड़ गया नाँ
मुझे इस्मॉग अच्छा लग रहा है
कि उस को पास आना पड़ गया नाँ
कहानी में परी मरने लगी है
नया किरदार लाना पड़ गया नाँ
सँवर के क्या करूँ मैं जब किसी को
मिरे ख़्वाबों में आना पड़ गया नाँ
बचाया था मगर आख़िर कहाँ तक
मुझे ये दिल लगाना पड़ गया नाँ
मैं कितनी थी अकेली छोड़ दो जब
मुझे ख़ुद से बताना पड़ गया नाँ
कहा भी था बिछड़ जाना ख़ुशी से
नया इक शाख़साना पड़ गया नाँ
सुख़न पर 'ताजवर' जो नुक्ता-चीं थे
उन्हें भी मुस्कुराना पड़ गया नाँ
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