बिछड़ा है कौन मुझ से कहाँ ये ख़बर न दो
By wafa-siddiquiMay 21, 2021
बिछड़ा है कौन मुझ से कहाँ ये ख़बर न दो
मुड़ मुड़ के देखना पड़े ऐसा सफ़र न दो
दिल की बसीरतों से जो रिश्ता ही तोड़ दे
आँखों को मेरी दोस्तो ऐसी नज़र न दो
हर शहर और गाँव में जौहर-शनास हैं
वा'दे तसल्लियों के ये रंगीं गुहर न दो
वो पत्थरों के शहर से आया है लौट कर
शीशे के घर कहाँ हैं उसे ये ख़बर न दो
नेज़ों पे जो बुलंद रहें वो क़ुबूल हैं
क़ातिल के आस्ताँ पे झुकें ऐसे सर न दो
मुझ से किसी के नाज़ उठाए न जाएँगे
शोहरत मिरी वफ़ा को 'वफ़ा' दर-ब-दर न दो
मुड़ मुड़ के देखना पड़े ऐसा सफ़र न दो
दिल की बसीरतों से जो रिश्ता ही तोड़ दे
आँखों को मेरी दोस्तो ऐसी नज़र न दो
हर शहर और गाँव में जौहर-शनास हैं
वा'दे तसल्लियों के ये रंगीं गुहर न दो
वो पत्थरों के शहर से आया है लौट कर
शीशे के घर कहाँ हैं उसे ये ख़बर न दो
नेज़ों पे जो बुलंद रहें वो क़ुबूल हैं
क़ातिल के आस्ताँ पे झुकें ऐसे सर न दो
मुझ से किसी के नाज़ उठाए न जाएँगे
शोहरत मिरी वफ़ा को 'वफ़ा' दर-ब-दर न दो
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