बिक गए हैं जो यहाँ थोड़ी सी रिश्वत के लिए

By kunaal-barkadeFebruary 27, 2024
बिक गए हैं जो यहाँ थोड़ी सी रिश्वत के लिए
मशवरा देते हैं वो भी हमें मेहनत के लिए
आज फिर से मिली है मुझ को मोहब्बत में शिकस्त
इक ख़ुदा और मिला आज 'इबादत के लिए


तज्रबा सोच-समझ 'उम्र से आगे की मिली
हिज्र काटा नहीं है सिर्फ़ इक 'औरत के लिए
क़ाबिल-ए-‘इश्क़ न थे आप ज़रूरी हैं मगर
आप मुझ जैसे तलबगार-ए-अज़िय्यत के लिए


किसी को आप से नफ़रत भी नहीं होती 'कुनाल'
आप उम्मीद लगाते हैं मोहब्बत के लिए
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