चूम कर तुम अगर जबीं जाते

By sajid-raheemFebruary 28, 2024
चूम कर तुम अगर जबीं जाते
फिर बला से मिरी कहीं जाते
तुम से बिछड़े तो फिर खुला हम पर
लोग बिछ्ड़ें तो मर नहीं जाते


आते आते क़रार आता है
जाते जाते हैं कुछ यक़ीं जाते
जिन पे चलता नहीं कभी कोई
ऐसे रस्ते भी हैं कहीं जाते


चल जुदाई तिरी ज़रूरत थी
छोड़ तफ़्सील में नहीं जाते
47152 viewsghazalHindi