दायरा मोहब्बत का जिस की ये कहानी है
By shahzad-niazFebruary 29, 2024
दायरा मोहब्बत का जिस की ये कहानी है
इस तरफ़ है इक मुफ़्लिस दूजे सम्त रानी है
हाए दिल ये बेचारा ख़ुद की भी नहीं सुनता
दिल की धड़कनों पे अब उस की हुक्मरानी है
देख लें अगर उस को होश में नहीं रहते
हुस्न की है देवी या हूर-ए-आसमानी है
सोचता हूँ जब उस को ख़्वाब में वो आ जाए
साथ गर रहे उस का क्या ही शादमानी है
वाए मुफ़लिसी मेरी मैं नहीं था इस क़ाबिल
आ गई वो पहलू में उस की मेहरबानी है
इस तरफ़ है इक मुफ़्लिस दूजे सम्त रानी है
हाए दिल ये बेचारा ख़ुद की भी नहीं सुनता
दिल की धड़कनों पे अब उस की हुक्मरानी है
देख लें अगर उस को होश में नहीं रहते
हुस्न की है देवी या हूर-ए-आसमानी है
सोचता हूँ जब उस को ख़्वाब में वो आ जाए
साथ गर रहे उस का क्या ही शादमानी है
वाए मुफ़लिसी मेरी मैं नहीं था इस क़ाबिल
आ गई वो पहलू में उस की मेहरबानी है
35184 viewsghazal • Hindi