दरिया में ये नाव किस तरफ़ है पानी का बहाव किस तरफ़ है ये राह किधर को मुड़ रही है लोगों का लगाव किस तरफ़ है मंज़िल कहाँ ताकते हैं राही तकते हैं पड़ाव किस तरफ़ है तासीर कहाँ गई सुख़न से जज़्बों का अलाव किस तरफ़ है आवाज़ कहीं बुला रही है यारों का रिझाव किस तरफ़ है तस्वीर दिखा रही है क्या कुछ रंगों का रचाओ किस तरफ़ है खोए हुए तुम कहाँ हो 'गौहर' दिल का ये खिचाव किस तरफ़ है