दिल के अरमान दिल को छोड़ गए

By akhtar-ansariOctober 27, 2024
दिल के अरमान दिल को छोड़ गए
आह मुँह इस जहाँ से मोड़ गए
वो उमंगें नहीं तबी'अत में
क्या कहें जी को सदमे तोड़ गए


बादा-ए-बास के मुसलसल दौर
साग़र-ए-आरज़ू को फोड़ गए
मिट गए वो नज़ारा-हा-ए-जमील
लेकिन आँखों में 'अक्स छोड़ गए


हम थे 'इशरत की गहरी नींदें थीं
आए आलाम और झिंझोड़ गए
73076 viewsghazalHindi