दिल के अरमान दिल को छोड़ गए
By akhtar-ansariOctober 27, 2024
दिल के अरमान दिल को छोड़ गए
आह मुँह इस जहाँ से मोड़ गए
वो उमंगें नहीं तबी'अत में
क्या कहें जी को सदमे तोड़ गए
बादा-ए-बास के मुसलसल दौर
साग़र-ए-आरज़ू को फोड़ गए
मिट गए वो नज़ारा-हा-ए-जमील
लेकिन आँखों में 'अक्स छोड़ गए
हम थे 'इशरत की गहरी नींदें थीं
आए आलाम और झिंझोड़ गए
आह मुँह इस जहाँ से मोड़ गए
वो उमंगें नहीं तबी'अत में
क्या कहें जी को सदमे तोड़ गए
बादा-ए-बास के मुसलसल दौर
साग़र-ए-आरज़ू को फोड़ गए
मिट गए वो नज़ारा-हा-ए-जमील
लेकिन आँखों में 'अक्स छोड़ गए
हम थे 'इशरत की गहरी नींदें थीं
आए आलाम और झिंझोड़ गए
73076 viewsghazal • Hindi