दिल की बस्ती में बरसता है वो बादल कौन है कर रहा है जो मिरी आँखों को जल-थल कौन है चाँद सूरज कहकशाँ की पूछता है ख़ैरियत सब के घर में झाँकने वाला ये पागल कौन है कौन है वो जिस की ख़ुशबू से महकती है हयात घोलने वाला मिरी साँसों में संदल कौन है धूप बारिश आँधियों में साएबाँ होता है कौन फूल को देता है जो ममता का आँचल कौन है रात के बिस्तर भिगो जाता है शबनम की तरह धोने वाला नींद की आँखों से काजल कौन है शबनमी है गुफ़्तुगू उस की तो लहजा है गुलाब पंखुड़ी सा नर्म इतना और कोमल कौन है दिल के वीराने में चुपके से चला आता है कौन ग़म की बस्ती में मचाता है जो हलचल कौन है रह गई है कुछ कमी तो क्या शिकायत है 'फहीम' इस जहाँ में सब अधूरे हैं मुकम्मल कौन है