दिल में कुछ हो तो मुस्कुराइएगा
By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
दिल में कुछ हो तो मुस्कुराइएगा
बे-सबब काम मत बढ़ाइएगा
हम को मिल जाएँ आप जैसे हज़ार
इतनी दुनिया भी मत दखाइएगा
ख़ुदकुशी से ही दीजिएगा जवाब
मौत की धोंस में न आइएगा
आइएगा गुनाह करने क़ुबूल
जब 'अदालत से छूट जाइएगा
'इश्क़ इतना बड़ा गुनाह नहीं
छुप न पाए तो मत छुपाइएगा
बेवफ़ा यार एक ने'मत है
वर्ना कब तक किसे निभाइएगा
ये जो हर वक़्त है घड़ी पे नज़र
ऐसे रस्ता न देख पाइएगा
हम ने इस बार तो मना लिया है
अब ये ख़तरा नहीं उठाइएगा
बे-सबब काम मत बढ़ाइएगा
हम को मिल जाएँ आप जैसे हज़ार
इतनी दुनिया भी मत दखाइएगा
ख़ुदकुशी से ही दीजिएगा जवाब
मौत की धोंस में न आइएगा
आइएगा गुनाह करने क़ुबूल
जब 'अदालत से छूट जाइएगा
'इश्क़ इतना बड़ा गुनाह नहीं
छुप न पाए तो मत छुपाइएगा
बेवफ़ा यार एक ने'मत है
वर्ना कब तक किसे निभाइएगा
ये जो हर वक़्त है घड़ी पे नज़र
ऐसे रस्ता न देख पाइएगा
हम ने इस बार तो मना लिया है
अब ये ख़तरा नहीं उठाइएगा
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