दिल तो फ़रियाद किया करता है
By swati-sani-reshamFebruary 29, 2024
दिल तो फ़रियाद किया करता है
ज़ीस्त फ़रमान सुना देती है
शाख़ से फूल गिरा कर के हवा
तेरे आने का पता देती है
गुल को दो बूँद पिला कर शबनम
प्यास सहरा की बुझा देती है
गुनगुनाती हुई इक याद तिरी
बुझते शो'लों को हवा देती है
प्यार है सीप का मोती जिस को
रेत साहिल की दु'आ देती है
गिरती बूंदों से लिपट कर मिट्टी
अपने दुख दर्द भुला देती है
बहते रस्ते पे थिरकती नाव
याद बचपन की दिला देती है
चाँद ख़ामोश खड़ा रहता है
मौज तूफ़ान मचा देती है
ज़ीस्त फ़रमान सुना देती है
शाख़ से फूल गिरा कर के हवा
तेरे आने का पता देती है
गुल को दो बूँद पिला कर शबनम
प्यास सहरा की बुझा देती है
गुनगुनाती हुई इक याद तिरी
बुझते शो'लों को हवा देती है
प्यार है सीप का मोती जिस को
रेत साहिल की दु'आ देती है
गिरती बूंदों से लिपट कर मिट्टी
अपने दुख दर्द भुला देती है
बहते रस्ते पे थिरकती नाव
याद बचपन की दिला देती है
चाँद ख़ामोश खड़ा रहता है
मौज तूफ़ान मचा देती है
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