दिनों को जोड़ो महीनों को साल करते रहो

By shakeel-azmiFebruary 29, 2024
दिनों को जोड़ो महीनों को साल करते रहो
मिले जो वक़्त तो माज़ी को हाल करते रहो
जो खो गया है उसे यूँही राएगाँ न करो
दिलों में बैठे रहो और मलाल करते रहो


ज़मीन सुनती नहीं है तो आसमाँ से कहो
जवाब कोई तो देगा सवाल करते रहो
वगर्ना यूँही गुज़र जाएँगे ये रोज़-ओ-शब
अगर है जीना तो जीना मुहाल करते रहो


इक आइना भी इन्हीं पत्थरों में रख दो कहीं
कभी-कभार ही ख़ुद से विसाल करते रहो
यहाँ तुम्हारी तरफ़ कोई यूँ न देखेगा
ये जादुओं का नगर है कमाल करते रहो


तुम्हारे सुख में हमारा भी सुख है जान-ए-मन
हमारा क्या है तुम अपना ख़याल करते रहो
86918 viewsghazalHindi