दुख में लिपटा हुआ सताए बदन
By ali-qaisarJune 2, 2024
दुख में लिपटा हुआ सताए बदन
मैं पुकारा चलूँ कि हाए बदन
ये बदन अपने साथ ले जाए
और अपना वो छोड़ जाए बदन
पहले गूँधा गया ख़मीर उन का
फिर ख़ुदा ने कहीं बनाए बदन
रूह परवाज़ कर गई मेरी
और कहती रही कि हाए बदन
इक परिंदा किसी की हिजरत का
नोच कर ले गया क़बाए-बदन
तेरी उल्फ़त की दास्ताँ हम को
आ के इक रोज़ तो सुनाए बदन
मुस्कुराऊँ मैं उस की हालत पर
मेरी हालत पे मुस्कुराए बदन
मैं पुकारा चलूँ कि हाए बदन
ये बदन अपने साथ ले जाए
और अपना वो छोड़ जाए बदन
पहले गूँधा गया ख़मीर उन का
फिर ख़ुदा ने कहीं बनाए बदन
रूह परवाज़ कर गई मेरी
और कहती रही कि हाए बदन
इक परिंदा किसी की हिजरत का
नोच कर ले गया क़बाए-बदन
तेरी उल्फ़त की दास्ताँ हम को
आ के इक रोज़ तो सुनाए बदन
मुस्कुराऊँ मैं उस की हालत पर
मेरी हालत पे मुस्कुराए बदन
95253 viewsghazal • Hindi