दुनिया-दारी तो क्या आती दामन सीना सीख लिया
By khalilur-rahman-azmiFebruary 27, 2024
दुनिया-दारी तो क्या आती दामन सीना सीख लिया
मरने के थे लाख बहाने फिर भी जीना सीख लिया
ऐसे दरवेशों से भी निभाई अपनी हँसी भी साथ उड़ाई
पलकों के साए में छुप कर आँसू पीना सीख लिया
धरती कितने नाच नचाए तब इक कौड़ी जेब में आए
एड़ी से चोटी तक पहुँचे कैसे पसीना सीख लिया
अपने आप पे क्यों इतराएँ अपने आप को कुछ समझाएँ
कभी कभी है झूठ भी कहता ये आईना सीख लिया
मरने के थे लाख बहाने फिर भी जीना सीख लिया
ऐसे दरवेशों से भी निभाई अपनी हँसी भी साथ उड़ाई
पलकों के साए में छुप कर आँसू पीना सीख लिया
धरती कितने नाच नचाए तब इक कौड़ी जेब में आए
एड़ी से चोटी तक पहुँचे कैसे पसीना सीख लिया
अपने आप पे क्यों इतराएँ अपने आप को कुछ समझाएँ
कभी कभी है झूठ भी कहता ये आईना सीख लिया
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