दुनिया है अहल-ए-'इश्क़ को सब से बुरी जगह

By nomaan-shauqueFebruary 27, 2024
दुनिया है अहल-ए-'इश्क़ को सब से बुरी जगह
ढूँढें ख़ुदा के वास्ते कोई नई जगह
था इक हसीं गुनाह उसी की सज़ा के तौर
आबाद की गई है ये बेकार सी जगह


क्या कह के उस ने दिल से निकाला है हाए हाए
अब क्या तमाम 'उम्र रहोगे इसी जगह
माहौलियात का ये तवाज़ुन है कुल मज़ाक़
इंसाँ कहीं कहीं हैं दरिंदे सभी जगह


चुप-चाप यूँही नार-ए-हवस में पड़े रहो
होगी न इस बहिश्त से अच्छी कोई जगह
अब मेरे ऐ’तकाफ़ पे वो भी हैं मो'तरिज़
आ जा चुके हैं ख़ुद जो हर अच्छी बुरी जगह


इक दूसरे से दिल तो हमारे भरे नहीं
दुनिया ने अब भी घेर रखी है बड़ी जगह
34804 viewsghazalHindi