दूर है बा-हुज़ूर लगता है
By akhtar-saeedJune 1, 2024
दूर है बा-हुज़ूर लगता है
गो है मस्तूर ऊर लगता है
आब-ओ-नान-ओ-हवा नहीं काफ़ी
तेरे दिल में फ़ुतूर लगता है
जा रहे हो ख़ुदा के घर या'नी
वो तुम्हें ख़ुद से दूर लगता है
गरचे हरगिज़ मिरा क़ुसूर नहीं
फिर भी मेरा क़ुसूर लगता है
एक 'आलम पे भी नहीं राज़ी
ये दिल-ए-ना-सुबूर लगता है
ज़ेहन आज़ाद फ़िक्र हस्ती है
जो गुना का तनूर लगता है
एक मिट्टी का ढेर है वो तो
जो तुम्हें कोह-ए-तूर लगता है
रोज़ होता हूँ हम-कलाम उस से
रोज़ यौम-ए-नुशूर लगता है
ख़ुद फँसाते हो ख़ुद छुड़ाते हो
खेल कोई हुज़ूर लगता है
गो है मस्तूर ऊर लगता है
आब-ओ-नान-ओ-हवा नहीं काफ़ी
तेरे दिल में फ़ुतूर लगता है
जा रहे हो ख़ुदा के घर या'नी
वो तुम्हें ख़ुद से दूर लगता है
गरचे हरगिज़ मिरा क़ुसूर नहीं
फिर भी मेरा क़ुसूर लगता है
एक 'आलम पे भी नहीं राज़ी
ये दिल-ए-ना-सुबूर लगता है
ज़ेहन आज़ाद फ़िक्र हस्ती है
जो गुना का तनूर लगता है
एक मिट्टी का ढेर है वो तो
जो तुम्हें कोह-ए-तूर लगता है
रोज़ होता हूँ हम-कलाम उस से
रोज़ यौम-ए-नुशूर लगता है
ख़ुद फँसाते हो ख़ुद छुड़ाते हो
खेल कोई हुज़ूर लगता है
79319 viewsghazal • Hindi