दुश्मनी है न कहीं यारी है

By mohammad-ali-mauj-rampuriMarch 20, 2021
दुश्मनी है न कहीं यारी है
जीने वाले तिरी फ़नकारी है
महव-ए-हैरत समाअ'तें हैं अभी
ख़ामुशी का बयान जारी है


कुछ तो हम अक्स हैं आईने भी
और कुछ अपनी अदाकारी है
चेहरगी चुप है ख़द्द-ओ-ख़ाल ख़मोश
आईनों पर सुकूत तारी है


आज-कल दाद-ए-सुख़न देना भी
'मौज' 'ग़ालिब' की तरफ़-दारी है
84218 viewsghazalHindi