एक ऐसा भी वक़्त आता है
By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
एक ऐसा भी वक़्त आता है
साया दीवार भूल जाता है
चाहिए हम को दुनिया वाली आँख
आसमाँ कितना देख पाता है
ऐसा पहले नहीं था मेरे साथ
घर बहुत दूर तक बुलाता है
रूठ कर हम भी भूल जाते हैं
दूसरा भी नहीं मनाता है
वो भँवर तो अभी पड़ा ही नहीं
जो किनारा भी साथ लाता है
वो जुनूँ जिस पे नाज़ था मुझ को
अब तमाशे के काम आता है
साया दीवार भूल जाता है
चाहिए हम को दुनिया वाली आँख
आसमाँ कितना देख पाता है
ऐसा पहले नहीं था मेरे साथ
घर बहुत दूर तक बुलाता है
रूठ कर हम भी भूल जाते हैं
दूसरा भी नहीं मनाता है
वो भँवर तो अभी पड़ा ही नहीं
जो किनारा भी साथ लाता है
वो जुनूँ जिस पे नाज़ था मुझ को
अब तमाशे के काम आता है
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