एक अर्सा तक लिया है दुश्मनी का जाएज़ा
By anwari-begumJuly 19, 2023
एक अर्सा तक लिया है दुश्मनी का जाएज़ा
और क्या लेते किसी की दोस्ती का जाएज़ा
दूर करने में रहे हम दो दिलों की तल्ख़ियाँ
दोस्त लेते ही रहे तर-दामनी का जाएज़ा
हर रविश से उठ रहा है सहन-ए-गुलशन की धुआँ
लीजिए आह-ओ-फ़ुग़ाँ ओ बे-कसी का जाएज़ा
आप पर उस की हक़ीक़त ख़ुद-बख़ुद खुल जाएगी
लीजिए तो रौशनी से तीरगी का जाएज़ा
घर से जो ले कर निकलता है इरादा आहनी
वो लिया करता है बे-शक वक़्त ही का जाएज़ा
शक्ल से कुछ और ही लगता है दिल से और ही
आदमी ऐसे में क्या ले आदमी का जाएज़ा
हश्र से पहले क़यामत 'अनवरी' है किस लिए
होश है तो लें ज़रा हम सब उसी का जाएज़ा
और क्या लेते किसी की दोस्ती का जाएज़ा
दूर करने में रहे हम दो दिलों की तल्ख़ियाँ
दोस्त लेते ही रहे तर-दामनी का जाएज़ा
हर रविश से उठ रहा है सहन-ए-गुलशन की धुआँ
लीजिए आह-ओ-फ़ुग़ाँ ओ बे-कसी का जाएज़ा
आप पर उस की हक़ीक़त ख़ुद-बख़ुद खुल जाएगी
लीजिए तो रौशनी से तीरगी का जाएज़ा
घर से जो ले कर निकलता है इरादा आहनी
वो लिया करता है बे-शक वक़्त ही का जाएज़ा
शक्ल से कुछ और ही लगता है दिल से और ही
आदमी ऐसे में क्या ले आदमी का जाएज़ा
हश्र से पहले क़यामत 'अनवरी' है किस लिए
होश है तो लें ज़रा हम सब उसी का जाएज़ा
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