फ़र्क़ तो पड़ना था यारी में

By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
फ़र्क़ तो पड़ना था यारी में
इतनी लम्बी बीमारी में
महफ़िल का क्या लुत्फ़ उठाएँ
थक जाते हैं तय्यारी में


ये भी ख़ुद में एक सज़ा है
इतनी देर गिरफ़्तारी में
हामी थे तरतीब के लेकिन
भूल गए अपनी बारी में


इस से बड़ी मुश्किल क्या होगी
मेरा ख़ुदा है दुश्वारी में
यूँ भी कम रुस्वाई हुई है
अच्छे थे दुनिया-दारी में


67065 viewsghazalHindi