ग़म होते हैं जहाँ ज़ेहानत होती है

By javed-akhtarNovember 2, 2020
ग़म होते हैं जहाँ ज़ेहानत होती है
दुनिया में हर शय की क़ीमत होती है
अक्सर वो कहते हैं वो बस मेरे हैं
अक्सर क्यूँ कहते हैं हैरत होती है


तब हम दोनों वक़्त चुरा कर लाते थे
अब मिलते हैं जब भी फ़ुर्सत होती है
अपनी महबूबा में अपनी माँ देखें
बिन माँ के लड़कों की फ़ितरत होती है


इक कश्ती में एक क़दम ही रखते हैं
कुछ लोगों की ऐसी आदत होती है
49750 viewsghazalHindi