ग़म-ए-'अज़ीज़ कोई तो 'कुनाल' होगा मुझे

By kunaal-barkadeFebruary 27, 2024
ग़म-ए-'अज़ीज़ कोई तो 'कुनाल' होगा मुझे
बस एक बार हुआ तो मलाल होगा मुझे
बनाऊँ नाव तो मेरी जगह बचा लेना
ये मत समझना कि मेरा ख़याल होगा मुझे


उसी जगह उसी तारीख़ उस ठिकाने पर
ये तेरा ग़म है जो हर एक साल होगा मुझे
मैं शहर आग लगाने चलूँ तो डरना मत
तिरी सलामती का तो ख़याल होगा मुझे


घड़ी के काँटे मैं उल्टे घुमाता था कि 'कुनाल'
यक़ीं था गुज़रा समय भी बहाल होगा मुझे
14133 viewsghazalHindi