ग़म ही ग़म हैं ख़ुशी के पर्दे में
By aadil-aseer-dehlviJanuary 1, 2025
ग़म ही ग़म हैं ख़ुशी के पर्दे में
मौत है ज़िंदगी के पर्दे में
आरज़ूएँ सिसकती रहती हैं
मेरी तिश्ना-लबी के पर्दे में
कार-फ़रमा हैं हादसे लाखों
मेरी दरिया-दिली के पर्दे में
अब तमन्नाओं के हसीं ताइर
हैं मिरी बे-कसी के पर्दे में
किस की ख़ुशबू चमन चमन है 'असीर'
कौन है रौशनी के पर्दे में
मौत है ज़िंदगी के पर्दे में
आरज़ूएँ सिसकती रहती हैं
मेरी तिश्ना-लबी के पर्दे में
कार-फ़रमा हैं हादसे लाखों
मेरी दरिया-दिली के पर्दे में
अब तमन्नाओं के हसीं ताइर
हैं मिरी बे-कसी के पर्दे में
किस की ख़ुशबू चमन चमन है 'असीर'
कौन है रौशनी के पर्दे में
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