ग़मों की ये 'अजब बरसात क्या है मिरी जानाँ तिरी सौग़ात क्या है मैं अक्सर बैठ कर ये सोचता हूँ मैं ख़ुद से क्यों ख़फ़ा हूँ बात क्या है चले जाना है दुनिया से सभी को मगर ये सोचता हूँ साथ क्या है ख़ुदा ने चाहा तो इक दिन मिलेंगे बशर हैं हम हमारे हाथ क्या है मोहब्बत पर ये फ़तवा देने वाले ये पहले पूछते हैं ज़ात क्या है हिला पाया न तूफ़ाँ भी मुझे जब मिरे दुश्मन तिरी औक़ात क्या है