घर की दीवार पे क्यों लिक्खा कि घर ख़ाली है
By adnan-asarJanuary 18, 2025
घर की दीवार पे क्यों लिक्खा कि घर ख़ाली है
इतनी वहशत से भरा है ये किधर ख़ाली है
आप महसूस न कर पाएँगे मेरे दुख को
शाम होने को है और सारा शजर ख़ाली है
तेरी मर्ज़ी है तू चाहे तो करे दिल आबाद
इक तिरे वास्ते ये बार-ए-दिगर ख़ाली है
मैं ने ख़ूँ से नहीं अश्कों से लिखा था वो ख़त
इस में लिक्खा तो बहुत कुछ था मगर ख़ाली है
अब भला कैसे पड़ेगी मिरे दिन में बरकत
आप के प्यार से जो मेरी सहर ख़ाली है
कोई जाता ही नहीं दश्त सियाहत के लिए
एक मुद्दत से तो ये राह-गुज़र ख़ाली है
घर कहाँ बनता है आराइश-ए-अश्या से 'असर'
जिस में बहनें नहीं होती हैं वो घर ख़ाली है
इतनी वहशत से भरा है ये किधर ख़ाली है
आप महसूस न कर पाएँगे मेरे दुख को
शाम होने को है और सारा शजर ख़ाली है
तेरी मर्ज़ी है तू चाहे तो करे दिल आबाद
इक तिरे वास्ते ये बार-ए-दिगर ख़ाली है
मैं ने ख़ूँ से नहीं अश्कों से लिखा था वो ख़त
इस में लिक्खा तो बहुत कुछ था मगर ख़ाली है
अब भला कैसे पड़ेगी मिरे दिन में बरकत
आप के प्यार से जो मेरी सहर ख़ाली है
कोई जाता ही नहीं दश्त सियाहत के लिए
एक मुद्दत से तो ये राह-गुज़र ख़ाली है
घर कहाँ बनता है आराइश-ए-अश्या से 'असर'
जिस में बहनें नहीं होती हैं वो घर ख़ाली है
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