ग़ुस्से में एक शख़्स की महफ़िल गया है दिल

By bilal-sabirMarch 1, 2024
ग़ुस्से में एक शख़्स की महफ़िल गया है दिल
सब की हो ख़ैर क्यूँकि मिरा दिल गया है दिल
ए'लान कर के ढूँडने वालों को रोक दो
कह दो कि रास्ते में पड़ा मिल गया है दिल


वैसे तमाम हुस्न था सरक़े के मूड में
था ज़ेर-ए-लब जो ले के वही तिल गया है दिल
सरहद 'उबूर कर के जुनूँ की 'बिलाल' जी
इस बार ऐसे धड़का मिरा छिल गया है दिल


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