है सूनी सूनी हर इक रहगुज़ार आख़िर-ए-शब
By ahmad-merathiMay 24, 2024
है सूनी सूनी हर इक रहगुज़ार आख़िर-ए-शब
कोई किसी का नहीं ग़म-गुसार आख़िर-ए-शब
सजी हुई जो सितारों की अंजुमन देखी
वो याद आए हैं बे-इख़्तियार आख़िर-ए-शब
है मेरी हमदम-ओ-दम-साज़ मेरी तन्हाई
नफ़स नफ़स है मिरा राज़दार आख़िर-ए-शब
न जाने बैठा हूँ कब से जुनूँ के 'आलम में
मुझे किसी का नहीं इंतिज़ार आख़िर-ए-शब
चली है दफ़'अतन एहसास की वो पुरवाई
हर एक लम्हा हुआ दिल पे बार आख़िर-ए-शब
मिरे सिवा यहाँ कोई नहीं मगर फिर भी
भटक रहा हूँ मैं दीवाना-वार आख़िर-ए-शब
बिसात-ए-ज़ेहन पे किस किस के नाम उभर आए
मैं कर रहा था ग़मों का शुमार आख़िर-ए-शब
फ़ज़ा में छाई है 'अहमद' 'अजब सी बेताबी
सबा है किस के लिए बे-क़रार आख़िर-ए-शब
कोई किसी का नहीं ग़म-गुसार आख़िर-ए-शब
सजी हुई जो सितारों की अंजुमन देखी
वो याद आए हैं बे-इख़्तियार आख़िर-ए-शब
है मेरी हमदम-ओ-दम-साज़ मेरी तन्हाई
नफ़स नफ़स है मिरा राज़दार आख़िर-ए-शब
न जाने बैठा हूँ कब से जुनूँ के 'आलम में
मुझे किसी का नहीं इंतिज़ार आख़िर-ए-शब
चली है दफ़'अतन एहसास की वो पुरवाई
हर एक लम्हा हुआ दिल पे बार आख़िर-ए-शब
मिरे सिवा यहाँ कोई नहीं मगर फिर भी
भटक रहा हूँ मैं दीवाना-वार आख़िर-ए-शब
बिसात-ए-ज़ेहन पे किस किस के नाम उभर आए
मैं कर रहा था ग़मों का शुमार आख़िर-ए-शब
फ़ज़ा में छाई है 'अहमद' 'अजब सी बेताबी
सबा है किस के लिए बे-क़रार आख़िर-ए-शब
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