हम बुज़ुर्गों से डरने वाले हैं
By ahmad-muneebDecember 29, 2020
हम बुज़ुर्गों से डरने वाले हैं
वाक़िआतन बिछड़ने वाले हैं
रात होते ही नींद आती है
या'नी सब ख़्वाब मरने वाले हैं
वो भी ख़ुद को सुधार बैठी है
और हम भी सुधरने वाले हैं
कोई इम्कान तो नहीं फिर भी
उस गली से गुज़रने वाले हैं
मेरी दहलीज़ से अड़े जुगनू
तेरी चौखट पे मरने वाले हैं
इश्क़ नुक़सान उठाएगा 'अहमद'
आप हम से मुकरने वाले हैं
वाक़िआतन बिछड़ने वाले हैं
रात होते ही नींद आती है
या'नी सब ख़्वाब मरने वाले हैं
वो भी ख़ुद को सुधार बैठी है
और हम भी सुधरने वाले हैं
कोई इम्कान तो नहीं फिर भी
उस गली से गुज़रने वाले हैं
मेरी दहलीज़ से अड़े जुगनू
तेरी चौखट पे मरने वाले हैं
इश्क़ नुक़सान उठाएगा 'अहमद'
आप हम से मुकरने वाले हैं
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