हमदर्दियाँ किसी से किसी से दुआ मिली या-रब सिला मिला है मुझे या सज़ा मिली उस आदमी को जानिए सब कुछ ही मिल गया जिस आदमी को दौलत-ए-शर्म-ओ-हया मिली कुछ लोगों की शिकायतें होंगी बजा मगर हम को तो दोस्ती में हमेशा वफ़ा मिली पी जाएँ ख़ुम के ख़ुम ही जो पीर-ए-मुग़ाँ उन्हें पैमानों में शराब मिली भी तो क्या मिली उड़ने से रोक लें मिरी कमज़ोरियाँ मुझे बे-शक हज़ार बार मुआफ़िक़ हवा मिली किस काम का वो आदमी इस दौर में जिए अंदाज़-ए-सूफियाना नज़र पारसा मिली वो शख़्स मो'तबर हुआ अजमेर जो गया नदिया हुई निहाल जो गंगा में जा मिली 'पर्वाज़' ख़ुश-नसीब है वो आदमी जिसे रहबर मिला दुरुस्त नसीहत बजा मिली