हमें अपने ही जैसा दूसरा होने का वक़्त आया
By farhat-ehsasFebruary 6, 2024
हमें अपने ही जैसा दूसरा होने का वक़्त आया
मोहब्बत आई और ख़ुद से जुदा होने का वक़्त आया
उठा वो वक़्त-ए-आराइश कि महफ़िल होने वाली है
फिर उस के 'आशिक़ों के आइना होने का वक़्त आया
मोअज़्ज़िन ने अज़ाँ दी और वो बुत निकला ख़ुदा बन कर
ख़ुदा की सब नमाज़ों के क़ज़ा होने का वक़्त आया
जुनूँ को इम्तिहाँ लेना है अब अहल-ए-मोहब्बत का
लिबास-ए-जिस्म उतारो बे-हया होने का वक़्त आया
बिगड़ती जा रही हैं सारी शक्लें कितनी तेज़ी से
हमारे शह्र के क्या जाने क्या होने का वक़्त आया
ख़िज़ाँ में तो पुराना-पन उतरता है दरख़्तों का
ख़िज़ाँ में तो दरख़्तों के नया होने का वक़्त आया
तुम्हारा बुत तुम्हारी बंदगी करने पे राज़ी है
तो प्यारे 'फ़रहत-एहसास' अब ख़ुदा होने का वक़्त आया
मोहब्बत आई और ख़ुद से जुदा होने का वक़्त आया
उठा वो वक़्त-ए-आराइश कि महफ़िल होने वाली है
फिर उस के 'आशिक़ों के आइना होने का वक़्त आया
मोअज़्ज़िन ने अज़ाँ दी और वो बुत निकला ख़ुदा बन कर
ख़ुदा की सब नमाज़ों के क़ज़ा होने का वक़्त आया
जुनूँ को इम्तिहाँ लेना है अब अहल-ए-मोहब्बत का
लिबास-ए-जिस्म उतारो बे-हया होने का वक़्त आया
बिगड़ती जा रही हैं सारी शक्लें कितनी तेज़ी से
हमारे शह्र के क्या जाने क्या होने का वक़्त आया
ख़िज़ाँ में तो पुराना-पन उतरता है दरख़्तों का
ख़िज़ाँ में तो दरख़्तों के नया होने का वक़्त आया
तुम्हारा बुत तुम्हारी बंदगी करने पे राज़ी है
तो प्यारे 'फ़रहत-एहसास' अब ख़ुदा होने का वक़्त आया
70336 viewsghazal • Hindi