हमें लिखा भी अगर हाशिए में रखा गया
By tasneem-abidiMarch 2, 2021
हमें लिखा भी अगर हाशिए में रखा गया
नज़र न आए जो उस ज़ाविए में रखा गया
तिरे नसीब में मंज़िल कभी न आएगी
सफ़र तमाम तरह दाएरे में रखा गया
हवा को ये भी बताया कि रौशनी है कहाँ
चराग़ को भी तिरे रास्ते में रखा गया
अना के नाम पे जब बन गया सनम-ख़ाना
ख़ुदा को ला के वहाँ बुत-कदे में रखा गया
हुआ ये हाल कि बेहाल हो गए हम तो
ब-नाम-ए-इश्क़ अजब मरहले में रखा गया
अजीब साअ'त-ए-दीदार थी निगाहों में
सजा के हैरतों को आइने में रखा गया
कोई बयान दिया न कोई सफ़ाई दी
हमारा नाम मगर फ़ैसले में रखा गया
नज़र न आए जो उस ज़ाविए में रखा गया
तिरे नसीब में मंज़िल कभी न आएगी
सफ़र तमाम तरह दाएरे में रखा गया
हवा को ये भी बताया कि रौशनी है कहाँ
चराग़ को भी तिरे रास्ते में रखा गया
अना के नाम पे जब बन गया सनम-ख़ाना
ख़ुदा को ला के वहाँ बुत-कदे में रखा गया
हुआ ये हाल कि बेहाल हो गए हम तो
ब-नाम-ए-इश्क़ अजब मरहले में रखा गया
अजीब साअ'त-ए-दीदार थी निगाहों में
सजा के हैरतों को आइने में रखा गया
कोई बयान दिया न कोई सफ़ाई दी
हमारा नाम मगर फ़ैसले में रखा गया
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