हमें नफ़रत है ऐसी ज़िंदगी से
By pandit-vidya-ratan-asiNovember 12, 2020
हमें नफ़रत है ऐसी ज़िंदगी से
तअल्लुक़ ही न हो जिस को ख़ुशी से
इलाही क्या ज़माना आ गया है
है नफ़रत आदमी को आदमी से
बढ़ी है और दिल की बे-क़रारी
कहा है हाल-ए-दिल जब भी किसी से
हमारी सादगी पर ग़ौर कीजिए
शिकायत आप की और आप ही से
उन्हें शिकवा है 'आसी' ज़िंदगी का
नहीं है जिन को उल्फ़त ज़िंदगी से
तअल्लुक़ ही न हो जिस को ख़ुशी से
इलाही क्या ज़माना आ गया है
है नफ़रत आदमी को आदमी से
बढ़ी है और दिल की बे-क़रारी
कहा है हाल-ए-दिल जब भी किसी से
हमारी सादगी पर ग़ौर कीजिए
शिकायत आप की और आप ही से
उन्हें शिकवा है 'आसी' ज़िंदगी का
नहीं है जिन को उल्फ़त ज़िंदगी से
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