हर आदमी ने रूप है धारा फ़क़ीर का

By ahmad-kamal-hashmiMay 24, 2024
हर आदमी ने रूप है धारा फ़क़ीर का
गर्दिश में आ गया ये सितारा फ़क़ीर का
दुनिया पे दिल हमारा कभी आता ही नहीं
है दोस्तो मिज़ाज हमारा फ़क़ीर का


उतरन पहन के शाह की ख़ुश हैं मुसाहिबीन
ख़ुश है वो ख़ुद पहन के उतारा फ़क़ीर का
दरवाज़े पर ख़मोश खड़ा हूँ मैं देर से
कुछ तो करो ख़याल ख़ुदारा फ़क़ीर का


दरबार में बुलाया था उस को अमीर ने
उस को मिला जवाब करारा फ़क़ीर का
बस इक झलक ही पा के तिरी ख़ुश बहुत है दिल
थोड़े में हो रहा है गुज़ारा फ़क़ीर का


दुनिया पड़ी हुई है 'कमाल' उस में देखिए
कोने में जो पड़ा है पिटारा फ़क़ीर का
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