हवस में मुब्तला हम को मिला था
By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
हवस में मुब्तला हम को मिला था
ये दिल बिगड़ा हुआ हम को मिला था
पुराना आइना यूँ तोड़ डाला
वो चेहरों से भरा हम को मिला था
हमेशा से थी फीकी रौशनाई
क़लम टूटा हुआ हम को मिला था
तिरी आँखों से हम को याद आया
यहाँ कुछ काम का हम को मिला था
मिसाली कह रहे हैं आप जिस को
ये ग़म मरता हुआ हम को मिला था
बना जो बा'इस-ए-रुस्वाई 'शारिक़'
वो ख़त लिक्खा हुआ हम को मिला था
ये दिल बिगड़ा हुआ हम को मिला था
पुराना आइना यूँ तोड़ डाला
वो चेहरों से भरा हम को मिला था
हमेशा से थी फीकी रौशनाई
क़लम टूटा हुआ हम को मिला था
तिरी आँखों से हम को याद आया
यहाँ कुछ काम का हम को मिला था
मिसाली कह रहे हैं आप जिस को
ये ग़म मरता हुआ हम को मिला था
बना जो बा'इस-ए-रुस्वाई 'शारिक़'
वो ख़त लिक्खा हुआ हम को मिला था
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