हज़ार मरहले होंगे जुनूँ से आगे भी

By ain-tabishMay 29, 2024
हज़ार मरहले होंगे जुनूँ से आगे भी
बसे हैं शहर कई सैल-ए-ख़ूँ से आगे भी
हम एक दिन क़फ़स-ए-जाँ से बाहर आए तो
पहुँच गए फ़लक-ए-नीलगूँ से आगे भी


बिखर रही हैं दरून-ओ-बरूँ की सारी हदें
लगाएँ ख़ेमा दरून-ओ-बरूँ से आगे भी
हमें ख़बर हुई ये शहर सोने वाला है
सो देख आए बदन के फ़ुसूँ से आगे भी


कभी तो झाँक ले दीवार-ए-क़हक़हा से उधर
कभी तो देख ले हद्द-ए-जुनूँ से आगे भी
67467 viewsghazalHindi