हिम्मत तमाम तुम से जुटाई नहीं गई
By shamim-danishFebruary 29, 2024
हिम्मत तमाम तुम से जुटाई नहीं गई
हम से भी आस्तीन चढ़ाई नहीं गई
सिक्कों में तोल कर उसे ज़रदार ले गया
क़ीमत ही ऐसी थी कि चुकाई नहीं गई
शायद उसे वुजूद बचाना मुहाल था
पर्बत के आस-पास जो राई नहीं गई
तालाब में नहाने की ज़िद तुम ने छोड़ दी
पानी में तुम से आग लगाई नहीं गई
सामान तू ने बाँट लिया बे-हिसी के साथ
माँ पर तिरी नज़र मिरे भाई नहीं गई
तन्हा न एहतिमाम दो-गाने का हो सका
तेरे बग़ैर 'ईद मनाई नहीं गई
हम से भी आस्तीन चढ़ाई नहीं गई
सिक्कों में तोल कर उसे ज़रदार ले गया
क़ीमत ही ऐसी थी कि चुकाई नहीं गई
शायद उसे वुजूद बचाना मुहाल था
पर्बत के आस-पास जो राई नहीं गई
तालाब में नहाने की ज़िद तुम ने छोड़ दी
पानी में तुम से आग लगाई नहीं गई
सामान तू ने बाँट लिया बे-हिसी के साथ
माँ पर तिरी नज़र मिरे भाई नहीं गई
तन्हा न एहतिमाम दो-गाने का हो सका
तेरे बग़ैर 'ईद मनाई नहीं गई
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