हम ए'तिबार-ए-जुनूँ बार बार करते रहे

By bhavesh-rajputMarch 1, 2024
हम ए'तिबार-ए-जुनूँ बार बार करते रहे
सलाह-कार हमें होशियार करते रहे
तमाम 'उम्र जफ़ाओं को 'आशिक़ी जाना
तमाम 'उम्र सितम-गर से प्यार करते रहे


जो मेरे बा'द तिरे हो नहीं सके वो लोग
तिरी तबाहियों को ग़म-गुसार करते रहे
तिरी उमीद भी तोड़ी ख़ता भी की हम ने
ख़ुदा की ज़ात यूँ ही शर्म-सार करते रहे


हमीं पे बार-ए-सुख़न रख के चल दिए 'ग़ालिब'
हमीं सुख़नवरी में बर्ग-ओ-बार करते रहे
58991 viewsghazalHindi