इबारतें चमक रही हैं दिल में तेरे प्यार की

By ayush-charagOctober 27, 2020
इबारतें चमक रही हैं दिल में तेरे प्यार की
दिए की लौ में जल रही है रात इंतिज़ार की
भटक रही है आसमाँ में आरज़ू की फ़ाख़्ता
ज़मीं पे ज़िंदगी पड़ी है आग में बुख़ार की


मिरी वो मंज़िलें न थीं जो मंज़िलें मुझे मिलीं
मिरी नहीं थी राह वो जो मैं ने इख़्तियार की
झुलस गए निगाह के तमाम ख़्वाब आँच से
ये दास्तान है नज़र पे रौशनी के वार की


सुला रही है बीच राह में थकन हमें 'चराग़'
जगा रही है जुस्तुजू मगर तिरे दयार की
17256 viewsghazalHindi